अंकल थे ना, देदी पप्पी। इसमें उन्होंने ले ली मेरी पप्पी ।। अंकल थे ना, देदी पप्पी। इसमें उन्होंने ले ली मेरी पप्पी ।।
हम सब भौतिक होते जा रहे हैं प्रकृति खत्म होती जा रही है ! हम सब भौतिक होते जा रहे हैं प्रकृति खत्म होती जा रही है !
आओ चल दे एक सुकून से भरे शहर की तलाश में, कुछ खो कर कुछ पाने की ख्वाहिश में,। आओ चल दे एक सुकून से भरे शहर की तलाश में, कुछ खो कर कुछ पाने की ख्वाहिश में,...
सुंदर मुखड़ा चांद का टुकड़ा हाय कहां से आया रे छम-छम करती नाक की नथनी कौन इसे ले आया रे सुंदर मुखड़ा चांद का टुकड़ा हाय कहां से आया रे छम-छम करती नाक की नथनी कौन इसे ले...
चलो सोचते हैं एक बार ऐसी दुनिया की ख़ूबसूरती जहाँ न फितना, न फ़साद और न कोई बुराई हो चलो सोचते हैं एक बार ऐसी दुनिया की ख़ूबसूरती जहाँ न फितना, न फ़साद और न कोई बु...
भूल गयी सब कुछ, याद नहीं अब कुछ। भूल गयी सब कुछ, याद नहीं अब कुछ।